Rajesh rajesh

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लेखनी प्रतियोगिता -27-Dec-2022 कौशल के पिताजी का सपना

कौशल दिल्ली का रहने वाला था। कौशल के पिताजी की सरकारी नौकरी थी। कौशल के परिवार में माता-पिता और एक छोटी बहन थी।


कौशल जीवन के प्रति लापरवाह और गैर जिम्मेदार था। कौशल के माता-पिता हमेशा कौशल को समझाते थे कि जीवन के प्रति इतनी लापरवाही अच्छी नहीं होती है। एक दिन यह लापरवाही जीवन बर्बाद कर देती है। कौशल माता पिता की यह शिक्षा एक कान से सुनता था, और दूसरे कान से निकाल देता था।

 कौशल को घूमने फिरने का बहुत शौक था। कौशल पढ़ाई में बिल्कुल ध्यान नहीं लगाता था। कौशल के पिताजी का सपना था कि कौशल पढ़ लिख कर पुलिस अफसर बने। कौशल जैसे-तैसे दसवीं कक्षा पास करके पढ़ाई छोड़ देता है। कौशल जब पढ़ाई छोड़ देता है तो कौशल के माता-पिता को बहुत दुख होता है।

 विद्यालय के दोस्त छूटने के बाद कौशल की दोस्ती आवारा किस्म के लड़कों से हो जाती  हैं। कौशल उन आवारा दोस्तों के बताए हुए गलत रास्तों पर चलने लगता है। कौशल को गलत रास्ते पर जाता हुआ देख, कौशल के माता-पिता कौशल को रोज समझाते थे।

 कौशल को माता-पिता की यह अच्छी बात बहुत ही बुरी लगती थी इसलिए वह एक दिन अपने दोस्तों के साथ दिल्ली शहर छोड़कर दूसरे शहर में चला जाता है।

 दूसरे शहर में पहुंचकर कौशल एक किराए पर कमरा लेता है। और एक फैक्ट्री में 12 घंटे की नौकरी पर लग जाता है। 

कौशल का विद्यालय का जीवन छूट जाता है और वह मजदूरों की जिंदगी जीने लगता है। कौशल को अब सुबह जल्दी उठकर अपना खाना खुद बनाना पड़ता था ,ड्यूटी ले जाने के लिए। और छुट्टी वाले दिन रविवार को कपड़े भी उसे खुद ही धोने पड़ते थे। और वह अपने मजदूर दोस्तों के साथ शराब पीना भी शुरू कर देता है। शराब पीने से कौशल के जीवन में और अशांति आ जाती है। वह जब भी बाजार जाता था तो उसे वह दिन याद आते थे, जब वह अपने माता पिता के साथ बाजार जाता था। और उसकी छोटी बहन और खुद कौशल बाजार में खूब मौज मस्ती करता था। कौशल जब भी अकेले खाना खाता था तो उसे माता-पिता और अपनी छोटी बहन की बहुत याद आती थी।
अपनी जिम्मेदारी उठाते हुए उसे उस समय अपनी मां और घर की बहुत याद आती थी।

 2 महीने में ही कौशल को ऐसी  जिंदगी जीने में घुटन महसूस होने लगी थी। और उसे अपने परिवार की बहुत ही कमी महसूस होने लगी थी। देर से ही सही लेकिन कौशल को अपने माता-पिता की हर एक छोटी से छोटी बात समझ में आ गई थी।

एक दिन कौशल को इतनी ज्यादा घुटन होती है कि वह अपना सारा सामान बैग में भरकर रेल पकड़ कर अपने घर आ जाता है।

 घर पहुंचकर अपनी छोटी बहन को गोदी में उठाकर बहुत प्यार करता है। और अपने माता-पिता के गले लग कर फूट-फूटकर बहुत रोता है।

 कौशल माता-पिता की शिक्षा का सम्मान करके दोबारा अपनी पढ़ाई शुरु करता है। और पढ़ाई पूरी करने के बाद पुलिस में भर्ती हो जाता है। और अपने पिताजी का सपना पूरा कर देता है कौशल के जीवन में सुबह की नई करण आ जाती है। 

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5 Comments

Gunjan Kamal

03-Jan-2023 12:23 PM

शानदार प्रस्तुति 👌

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Varsha_Upadhyay

30-Dec-2022 05:22 PM

शानदार

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